लुटेरों से तो कातिल अच्छे
जान तो ले जाते हैं
लुटेरों की गुस्ताखी देखो
लूट के चले जाते हैं
और उम्र भर के लिये
दिल तड़पता छोड़ जाते हैं !
कोई कानून तो हो
कोई रिवायत तो हो
ख़ूनी को मौत की सजा होती है
ये लुटेरे उल्टा हमीं को
उम्र भर की सज़ा दे जाते हैं !
दुनियाँ सूली पे चढ़ा रखी है
पूरी कायनात पीछे लगा रखी है
लुटेरे बन दिल की ख़लिश ना बनो
कातिल ही बनो ....
हमने तो जान तेरे नाम ही लिखा रखी है !!
........मोहन सेठी 'इंतज़ार'
No comments:
Post a Comment