Tuesday, 21 April 2015

बनना होगा ........



तुम दीया हो तो बाती मुझे बनना होगा
साथ पाने को तेरा चाहे मुझे जलना होगा !

तुम अगर रात हो तो अँधेरा मुझे बनना होगा
तुझे मिलने को सवेरों से मुझे लड़ना होगा !

तुम हो दरिया तो समन्दर मुझे बनना होगा
मुझ में फिर तुमको मुहब्बत में मिलना होगा !

तुम अगर हवा हो तो धूल मुझे बनना होगा
आगोश में ले मुझे आँधियों सा तुम्हें उड़ना होगा !

तुम अगर चाँद हो तो चकोरी मुझे बनना होगा
हर रात मिलन का गीत तुम्हें मेरा सुनना होगा !

फूल ग़र तुम हो तो भंवरा मुझे बनना होगा
बोसों के लिये 'इंतज़ार' तुझे फिर ना डरना होगा !

                                                ........मोहन सेठी 'इंतज़ार'


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