तुम दीया हो तो बाती मुझे बनना होगा
साथ पाने को तेरा चाहे मुझे जलना होगा !
तुझे मिलने को सवेरों से मुझे लड़ना होगा !
तुम हो दरिया तो समन्दर मुझे बनना होगा
मुझ में फिर तुमको मुहब्बत में मिलना होगा !
तुम अगर हवा हो तो धूल मुझे बनना होगा
आगोश में ले मुझे आँधियों सा तुम्हें उड़ना होगा !
तुम अगर चाँद हो तो चकोरी मुझे बनना होगा
हर रात मिलन का गीत तुम्हें मेरा सुनना होगा !
फूल ग़र तुम हो तो भंवरा मुझे बनना होगा
बोसों के लिये 'इंतज़ार' तुझे फिर ना डरना होगा !
........मोहन सेठी 'इंतज़ार'
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