Thursday, 29 January 2015

अच्छाई कमज़ोर है ?........

ख़ुशी दुःख से डरती क्यों है
हंसी रोने पे मरती क्यों है
इतना विरोधाभास है
और इन्सान में
दोनों का आभास है !
अच्छा एहसास
इतना कमज़ोर क्यों है ?
क्या इसिलिये अच्छाई
डरी डरी सी रहती है
कहीं बुराई की नज़र चड़ी
तो कयामत हो जाती है ?
या हमने ही सीख लिया है
ऐसा करना....
बुरों से डरना और
अच्छों को डराना
                          ........मोहन सेठी 'इंतज़ार'




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