ख़ुशी दुःख से डरती क्यों है
हंसी रोने पे मरती क्यों है
इतना विरोधाभास है
और इन्सान में
दोनों का आभास है !
अच्छा एहसास
इतना कमज़ोर क्यों है ?
क्या इसिलिये अच्छाई
डरी डरी सी रहती है
कहीं बुराई की नज़र चड़ी
तो कयामत हो जाती है ?
या हमने ही सीख लिया है
ऐसा करना....
बुरों से डरना और
अच्छों को डराना
........मोहन सेठी 'इंतज़ार'
हंसी रोने पे मरती क्यों है
इतना विरोधाभास है
और इन्सान में
दोनों का आभास है !
अच्छा एहसास
इतना कमज़ोर क्यों है ?
क्या इसिलिये अच्छाई
डरी डरी सी रहती है
कहीं बुराई की नज़र चड़ी
तो कयामत हो जाती है ?
या हमने ही सीख लिया है
ऐसा करना....
बुरों से डरना और
अच्छों को डराना
........मोहन सेठी 'इंतज़ार'
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