दिल में शायरी का जब भी जोर उट्ठेगा
सबसे पहले तेरे नाम का शोर उट्ठेगा !!
पहली बारिश की रिमझिम शुरू क्या हुई
देख आज बगिया में नाच मोर उट्ठेगा !!
तेज हवाएँ तेरे इश्क़ में कुछ चलीं ऐसी
दिल को एहसासों का पल झकझोर उट्ठेगा !!
तेरे जाने पे बेरौनक है ये महफ़िल सारी
बादल तन्हाईयों का अबके घनघोर उट्ठेगा !!
बचा कर रखना ये दिल मेरी तीरंदाजी से
वर्ना लूटने 'इंतज़ार' के दिल का चोर उट्ठेगा !!
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