खिड़की
आवाज़ तो तेरे दिल की हूँ ..... सुर बदल बदल के आ जाता हूँ ........इंतज़ार
Sunday, 21 December 2014
सुनो........
लोग फूलों की तासीर बदलते ही फेंक देते हैं .....
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