Saturday, 5 December 2015

पावन एहसास है तू ..........




मेरा इश्क़ है तू
जान है तू
हर जन्म का मेरे 
अरमान है तू
मेरा खेत है तू
खलियान है तू
पीली सरसों का
बागान है तू
सावन की ठंडी
फुवार है तू
बरगद की शीतल
छाओं  है तू  
ना मंज़िल है
ना मकसद तू
खूबसूरत राहों का
एहसान है तू
ना तिज़ारत है
ना बंधन तू
रूहों का पावन
एहसास है तू
                   
                      ...........इंतज़ार 

         

No comments:

Post a Comment