तेरी याद में
आँख की मुंडेर से
गिरने को आतुर अश्क़
मैं नहीं हूँ .......
गिरने को आतुर अश्क़
मैं नहीं हूँ .......
वक़्त की किताब में
तेरी यादों का
सूखा हुआ फूल
मैं नहीं हूँ .......
मैं नहीं हूँ .......
जिसकी ख़ुशबू राहों में
बिखर जाये
ऐसा भी पुष्प
मैं नहीं हूँ .........
जो पतझड़ में
मौसम के इशारे पर
पत्तियाँ गिरा दे
वो पौधा भी
मैं नहीं हूँ ........
अगर हूँ
तो पन्नों पे लिखे
इस इतिहास का साक्ष
हूँ मैं.......
हर मौसम में
प्यार के पुष्प खिलाता
पौधा सदाबहार
हूँ मैं.........
हर जन्म
सिर्फ़ तेरे ही इंतज़ार में
'इंतज़ार' हूँ मैं........
........मोहन सेठी 'इंतज़ार'
ऐसा भी पुष्प
मैं नहीं हूँ .........
जो पतझड़ में
मौसम के इशारे पर
पत्तियाँ गिरा दे
वो पौधा भी
मैं नहीं हूँ ........
अगर हूँ
तो पन्नों पे लिखे
इस इतिहास का साक्ष
हूँ मैं.......
हर मौसम में
प्यार के पुष्प खिलाता
पौधा सदाबहार
हूँ मैं.........
हर जन्म
सिर्फ़ तेरे ही इंतज़ार में
'इंतज़ार' हूँ मैं........
........मोहन सेठी 'इंतज़ार'
No comments:
Post a Comment